हरिद्वार समाचार– देश दुनिया से वैश्विक महामारी कोरोना की समाप्ति हेतु बैरागी कैंप स्थित श्रीपंच निधार्मिक अनुष्ठानों प्रभाव से जल्द समाप्त होगी कोरोना महामारी- जगद्गुरू स्वामी अयोध्याचार्यर्मोही अनी अखाड़े में आयोजित किए जा रहे कोरोना नाशक महायज्ञ का बृहष्पतिवार को समापन हो गया। एक माह तक चले महायज्ञ की पूर्णाहूति पर जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा कि देश में धर्म स्थापना एवं कोरोना महामारी की समाप्ति हेतु आयोजित यज्ञ के प्रभाव से आमजन में धर्म का सकारात्मक प्रचार होगा और पूरी दुनिया को कोरोना महामारी से संपूर्ण विश्व को निजात मिलेगी। उन्होंने सभी सनातन धर्म प्रेमियों से अपील करते हुए कहा कि महामारी की समाप्ति हेतु अपने घरों में धार्मिक अनुष्ठान कर विश्व कल्याण की कामना करें। इस संकटकाल में मानवता का परिचय देते हुए पीड़ितों व जरूरतमंदों की अधिक से अधिक से मदद करें। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि जब भी देश व समाज को किसी विपत्ती का सामना करना पड़ा। संत समाज ने आगे आकर पीड़ितों की मदद की है। यज्ञ के प्रभाव से पूरी दुनिया से महामारी का प्रकोप समाप्त होगा। यज्ञ से निकलने वाला पवित्र धुंआ जहां जहां आवरण बनाता है। वहां का संपूर्ण वातावरण सात्विक एवं भक्तिमय हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से अनावश्य छेड़छाड़ की वजह से ही मानव जगत को आपदाओं व महामारी के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए पाश्चात्य संस्कृति का त्याग कर सात्विक जीवन अपनाते हुए प्रकृति का संरक्षण करें। चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज ने कहा कि संतों के सानिध्य में किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों से देश की दिशा और दशा बदलती है। तमाम विषम परिस्थतियां समाप्त हो जाती हैं। सनातन धर्म में यज्ञ के माध्यम से लौकिक सुख समृद्धि बढ़ाने की विज्ञान सम्मत परंपरा है। प्रत्येक व्यक्ति को कोरोना महामारी के रूप में देश, दुनिया व समाज पर आए संकट को दूर करने के लिए संतों के सानिध्य में यज्ञ का आयोजन अवश्य करना चाहिए। यज्ञ के प्रभाव से जल्द से जल्द देश दुनिया को महामारी से मुक्ति मिलेगी और विश्व में खुशहाली व्याप्त होगी। कार्यक्रम में पधारे सभी संतों का समाजसेवी गौरव गोयल, मेघना गोयल व ओंकार जैन ने फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत रामजी दास, बाबा हठयोगी, महंत दुर्गादास, महंत विष्णुदास, स्वामी आनंद गिरी,महंत शिवानंद,महंत प्रह्लाद दास, महंत बिहारी शरण, महंत नारायण दास पटवारी, महंत सूरज दास, महंत सुमित दास, महंत अंकित शरण, संत सेवक दास आदि संतजन मौजूद रहे।

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