हरिद्वार, 23 जनवरी। भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी एवं महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने उन्हें नमन करते हुए युवाओं से उनके जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में योगदान करने की अपील की। प्रैस को जारी बयान में श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि आजाद हिंद फौज की स्थापना कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारतीयों के रक्त में देशभक्ति की धारा को प्रवाहित किया और तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा के नारे के साथ युवाओं में एक नई ऊर्जा का संचार किया। उनके प्रेरणादाई जीवन से प्रभावित होकर युवाओं को राष्ट्र रक्षा धर्म रक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए। नेताजी सुभाष चंद्र बोस बचपन से ही स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस जैसे महापुरुषों की शिक्षा से प्रभावित थे और बचपन से ही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े आंदोलनों में सम्मिलित रहे और आजाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति के रूप में अंग्रेजों को कई प्रदेशों से खदेड़ कर भारत को उनके चंगुल से मुक्त कराने में अपनी भूमिका निभाई। ऐसे महान क्रांतिकारी और निर्भीक योद्धा को संत समाज नमन करता है। उनका गौरव पूर्ण जीवन भारतीय युवाओं का अनंत काल तक मार्गदर्शन करता रहेगा। आजाद हिंद फौज को छोड़कर विश्व के इतिहास में ऐसा कोई भी दृष्टांत नहीं मिलता। जहां 30-35 हजार योद्धाओं ने संगठित होकर अपने देश के आजादी के लिए ऐसा प्रबल संघर्ष किया हो। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के राष्ट्र के प्रति प्रेम और कृतज्ञता एवं अदम्य साहस और शौर्य का परिचय ही था। जो भारत की आजादी का माध्यम बना। वर्तमान युग में भारत को ऐसे देश प्रेमियों के आवश्यकता है। जो देश पर मर मिटने के लिए हमेशा तत्पर रहें। भारत की भावी पीढ़ी को ऐसे महापुरुषों के जीवन से राष्ट्र प्रेम की भावना को स्वयं के भीतर जागृत करना चाहिए। क्योंकि भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म की रक्षा की जिम्मेदारी युवा पीढ़ी पर ही निर्भर है। युवा देश की रीढ़ है, जो भारत देश को उन्नति की ओर अग्रसर करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाएंगे।

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