हरिद्वार- भारतीय जनसंघ के संस्थापक एवं हिंदू महासभा के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथी पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए और एक महान क्रांतिकारी महापुरुष बताया। प्रेस को जारी बयान में श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ना सिर्फ एक शिक्षक बल्कि अनुभवी राजनीतिज्ञ एवं कुशल संगठन कर्ता थे। जिन्होंने अपनी विचारधारा और राष्ट्रवाद के अपने सिद्धांत से कभी समझौता नहीं किया और देश की अखंडता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक राजनीतिज्ञ, विद्वान और स्पष्टवादी के तौर पर ना सिर्फ अपने चाहने वालों बल्कि वैचारिक विरोधियों के बीच भी सम्मान से स्मरण किए जाते हैं। डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत की अखंडता और कश्मीर के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को राष्ट्र घातक बताया। उनका मानना था कि एक देश में दो निशान और एक देश में दो प्रधान या एक देश में दो विधान नहीं हो सकते। उनका मानना था कि एक देश और एक संस्कृति और एक राष्ट्र के विचार पर जोर देना चाहिए। ताकि भारत देश भारतीय संस्कृति और परंपरा के आधार पर आधुनिक प्रगतिशील और ताकतवर बन सके। जो तत्कालीन समय की आवश्यकता थी। डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी का व्यक्तित्व इतना ही सीमित नहीं है। एक प्रखर राष्ट्रवादी होने के साथ ही उन्होंने आजादी से पहले और उसके बाद राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया और अपनी आखरी सांस तक देश की एकता और अखंडता के लिए संघर्ष किया। आज श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे राष्ट्रवादी महापुरुषों की भारत को आवश्यकता है। युवा पीढ़ी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। क्योंकि राष्ट्र की एकता और अखंडता से ही भारत की तरक्की संभव है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *