हरिद्वार समाचार-श्री सुबोध उनियाल, मा0 मंत्री कृषि एवं कृषक कल्याण ने शुक्रवार को अटल बिहारी वाजपेयी, राज्य अतिथि गृह, मायापुर में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के कार्यों की समीक्षा की।
बैठक में मा0 मंत्री ने जिला योजना के अंतर्गत सभी जनपदों के अधिकारियों से प्राप्त बजट के सम्बन्ध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना है।
बैठक में मा0 मंत्री ने डिप सिंचाई के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी ली तथा निर्देश दिये कि मध्य प्रदेश के माॅडल की तर्ज पर कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बीजों की सप्लाई, प्रोक्यूरमेंट नियम, मधुग्राम आदि के सम्बन्ध में जानकारी ली तथा अधिकारियों को निर्देश दिये कि बीजों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाये। इस सम्बन्ध में किसी भी किसान की कोई शिकायत प्राप्त नहीं होनी चाहिये। मधुग्राम के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि मधुमक्खियों की पेटियों को इधर से उधर लेने जाने के लिये सब्सिडी की व्यवस्था होनी चाहिये। उन्होंने मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी योजना के सम्बन्ध मंे भी विस्तृत चर्चा की।
बैठक में फसल उत्पाद को मार्केट तक पहुंचाने के लिये कनेक्टीविटी की समस्या पर चर्चा हुई। इस पर मा0 मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जहाँ पर कनेक्टीविटी की समस्या है, वहाँ पर रोपवे के माध्यम से कनेक्टीविटी दी जाए ताकि इस समस्या का निदान हो सके। उन्होंने इस सम्बन्ध में 15 दिनों के अन्दर प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
मा0 मंत्री जी ने पाॅलीहाउस व ड्रिप इरीगेशन के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी ली तथा पाॅली हाउस में वर्तमान में उत्तराखण्ड की क्या स्थिति है, पूरी जानकारी ली एवं अधिकारियों का मार्गदर्शन किया।
बैठक में मुख्य उद्यान अधिकारी श्री नरेन्द्र यादव ने मा0 मंत्री जी को डाटा कलेक्शन के लिए एक ऐप विकसित करने के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस ऐप को तैयार करने में लगभग 25000 रूपये का खर्च आएगा। यह ऐप पूरा उत्तराखण्ड कवर करेगा। उन्होंने बताया कि यह मोबाइल ऐप है, जिसका पोर्टल भी बनेगा। मुख्य उद्यान अधिकारी ने इसका प्रदर्शन भी मा0 मंत्री जी को दिखाया। मा0 मंत्री जी ने इस ऐप का नाम फार्मर ऐप रखने का सुझाव दिया तथा इस ऐप को किसान फ्रेंडली बनाया जाए, जिसमें कृषि, बागवानी, मार्केटिंग आदि से संबंधित सभी एक्टीविटी सम्मिलित की जायें। उन्होंने इस संबंध में एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
बैठक में मा0 मंत्री कृषि एवं कृषक कल्याण ने अधिकारियों से ए कैटेगरी के उद्यानों की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि कुल 93 में से लगभग 30 उद्यान ए कैटेगरी के हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ए कैटेगरी के उद्यानों को हाॅर्टी टूरिज्म, टी टूरिज्म, वेजीटेबल टूरिज्म, स्पाइस टूरिज्म के रूप में विकसित करने के साथ ही विभिन्न उद्यानों को- सेंटर फाॅर एक्सीलेंट फाॅर एप्पल, सेंटर फाॅर एक्सीलेंट फाॅर वेजीटेबल, सेंटर फाॅर एक्सीलेंट फाॅर एरोमेटिक आदि के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये।
श्री सुबोध उनियाल ने सेब तथा लीची उत्पादकों को लाभान्वित करने के लिये पैकेजिंग हेतु पेटियों के निर्माण के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी ली। इस पर मा0 मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पैकेजिंग के लिये जो पेटियां बनाई जायें, उनका आकार-प्रकार एवं डिजाइनिंग पूरे उत्तराखण्ड में एक समान होनी चाहिये ताकि उत्तराखण्ड का एक ब्राण्ड विकसित हो सके।
बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुये मा0 मंत्री जी ने कहा कि उद्यान एवं प्रसंस्करण के क्षेत्र में काफी सारी संभावनाएं हैं। इनको विकसित करके हम किसानों की आय को दोगुनी कर सकते हैं, जिसे अब धरातल पर उतारने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि जिला योजना के अन्तर्गत बागवानी विकास के लिए हमने 90 प्रतिशत तक सब्सिडी देने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में बागवानी के माध्यम से रोजगार की संभावनाएं बढ़ाने के लिए मंथन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमने रोजगार कार्यालयों को जनपद की आउट सोर्सिंग एजेंसी बनाने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि हार्टी टूरिज्म को पी0पी0पी0 मोड अथवा लीज में देकर हम इसे बढ़ावा देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जैविक खेती में हम देश में आगे हैं तथा सरकार की योजनाओं को आजजन तक पहुंचाने के लिए हमने कई निर्णय लिये हैं।
इस अवसर पर श्री विनोद आर्य, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, डाॅ0 हरमिन्दर सिंह बवेजा, संयुक्त निदेशक, गढ़वाल डाॅ0 रतन कुमार, संयुक्त निदेशक, कुमायूं डाॅ0 हरीश तिवारी, मुख्य कृषि अधिकारी श्री वी0के0 सिंह यादव, मुख्य उद्यान अधिकारी श्री नरेन्द्र यादव, सभी जनपदों के जिला उद्यान अधिकारी सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।

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