हरिद्वार– श्री राम कथा अमृत वर्षा से पूर्व गोविंदपुरी स्थित परशुराम घाट से कनखल स्थित हरेराम आश्रम तक श्रद्धालु भक्तों द्वारा भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। बैण्ड बाजों के साथ निकाली गयी कलश यात्रा में सिर पर कलश लिए बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु सम्मिलित हुई। कलश यात्रा घाट से चंद्राचार्य चैक से अवधूत मंडल आश्रम, सिंहद्वार होते हुए कथा स्थल हरेराम आश्रम पहुंचकर संपन्न हुई। परशुराम घाट पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए हरे राम आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जन-जन के आराध्य हैं और प्रत्येक भारतवासी के हृदय में विराजमान हैं। जिनका नाम मात्र स्मरण करने से ही व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार तीर्थ क्षेत्र में श्रीराम कथा का आयोजन और श्रवण सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही प्राप्त होता है। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा के श्रवण से व्यक्ति में उत्तम चरित्र का निर्माण होता है और व्यक्ति का जीवन सुख समृद्धि से परिपूर्ण होता है। हरेराम आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी असंगानंद वेदांताचार्य महाराज एक दिव्य महापुरुष थे। जिन्होंने अपने तप व विद्वत्ता के माध्यम से संपूर्ण भारतवर्ष में सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार किया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। श्रीराम कथा के मर्मज्ञ संत विजय कौशल महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा भक्तों का जीवन भवसागर से पार लगाती है और देवभूमि उत्तराखंड की पावन धरा हरिद्वार पर इस कथा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। जन्म जन्मांतर के पुण्य उदय होने पर ही कथा श्रवण का अवसर भक्तों को प्राप्त होता है। इस अवसर पर डा.जितेंद्र सिंह, विमल कुमार, प्रो.प्रेमचंद्र शास्त्री, नीलाम्बर खर्कवाल, रमेश उपाध्याय, रामचंद्र पाण्डेय, हरीश कुमार, डा.अश्विनी चैहान, मयंक गुप्ता, साध्वी प्रभा मुनि, कथा व्यास विजय कौशल महाराज, महंत रामसागर मुनि, महंत केशव मुनि, श्रीमहंत दुर्गादास, श्रीमहंत अद्वैतानंद, महंत निर्मल दास, महंत दामोदर दास, महंत प्रेमदास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत दामोदरशरण दास, महंत निरंजन दास, महंत दर्शन दास सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुष उपस्थित रहे।

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