हरिद्वार—  साधु बेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने कहा है कि जिस प्रकार पुरातत्व विभाग द्वारा खोजबीन कर बाबरी मस्जिद की सच्चाई सामने लाई गई। उसी प्रकार ज्ञानवापी मंदिर का भी जल्द से जल्द फैसला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में अधिकतर मस्जिदें आक्रमणकारियों द्वारा मंदिर तोड़कर बनाई गई हंै। जिसकी सच्चाई धीरे-धीरे सामने आ रही है। अब केंद्र और राज्य सरकारों को हिंदू धर्म स्थलों के साथ न्याय करते हुए उन्हें हिंदुओं को सौंपा जाना चाहिए। भूपतवाला स्थित आश्रम में प्रैस को जारी बयान में आचार्य स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने कहा कि सनातन हिंदू धर्म सबसे प्राचीन है। जिसकी परंपराएं समस्त विश्व में विख्यात है। हजारों आक्रमणकारियों ने भारत पर आक्रमण कर सनातन धर्म पर कुठाराघात किया और उसे नष्ट करने की कोशिश की। लेकिन आक्रमणकारी खुद ही विनाश के काल में समाहित हो गए और सनातन हिंदू धर्म आज भी स्थापित है। उन्होंने कहा कि हजारों राम भक्तों के बलिदानों के बाद आज भव्य राम मंदिर का निर्माण संभव हो पाया है। सनातन प्रेमियों की आस्थाओं को दृष्टिगत रखते हुए सभी राज्य और केंद्र सरकार को हिंदू मठ मंदिरों को अवैध कब्जाधारियों से मुक्त कराना चाहिए। हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके लिए संत समाज भी एकजुट होकर आवाज उठाएगा। आचार्य स्वामी गौरी शंकर दास महाराज ने कहा कि ज्ञानवापी मंदिर परिसर में जो वैदिक सनातन धर्म की मूर्ति, नंदी, धार्मिक कलाकृति एवं प्राचीन समय के पारे के शिवलिंग जैसे अहम साक्ष्य मिले हैं। उसके आधार पर कोर्ट को जल्द से जल्द फैसला सुनाना चाहिए और मथुरा कुतुब मीनार सहित जहां-जहां भी हिंदू मंदिर होने के हिसाब से प्रमाणित हो रहे हैं, वहां की भी खोज एवं जांच करा कर उनको भी सनातन धर्मावलंबियों को सौंपा जाए।

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