हरिद्वार– अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री एवं श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहां है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश का समग्र विकास हो रहा है और सनातन धर्म से जुड़े मठ मंदिर अपने प्राचीन स्वरूप में वापस आ रहे हैं। इसके लिए समस्त संत समाज उन्हें आशीर्वाद प्रदान करता है और आशा करता है कि मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार संपूर्ण भारत में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़े आश्रम अखाड़े एवं मठ मंदिरों को उनके वास्तविक स्वरूप में लाकर उनका जीर्णोद्धार करेगी। बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े में प्रेस को जारी बयान में श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि संपूर्ण भारत में लाखों की संख्या में मठ मंदिर राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहण किए जा चुके हैं। जिनको केंद्र सरकार एक कड़ा कानून बनाकर अधिग्रहण से मुक्त करें। मठ मंदिर एवं आश्रम अखाड़ों का उचित संचालन संत महापुरुष और ब्राह्मण समाज ही कर सकता है और देश के बड़े-बड़े धर्म स्थलों का संचालन संत समाज द्वारा कुशल व्यवस्था के रूप में किया भी जा रहा है। दान स्वरूप मिलने वाली धनराशि से आश्रम अखाड़ों का संचालन होता है और समाज हित में सेवा चिकित्सा एवं शिक्षा के प्रकल्प प्रारंभ किए जाते हैं। जब-जब भी देश पर कोई आपदा एवं विपदा आती है तो संत समाज अग्रणी भूमिका निभाकर देश के साथ खड़ा होता है। इसलिए सनातन धर्म के मठ मंदिरों आश्रम अखाड़ों का धन सनातन धर्म से जुड़ी व्यवस्थाओं पर ही खर्च होना चाहिए। सरकार को कड़ा कानून बनाकर मठ मंदिरों को राज्य सरकारों से अधिग्रहण मुक्त कराना चाहिए और उनके बेहतर रखरखाव और बेहतर व्यवस्था के लिए ध्यान देना चाहिए। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ही यह कार्य संभव हो सकता है। क्योंकि सनातन धर्म प्रेमी और संतों के प्रति आस्था रखने वाले नरेंद्र मोदी मठ मंदिर मुक्ति कानून बनाकर संतो को सम्मान प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज संपूर्ण विश्व में सनातन धर्म को निशाना बनाकर तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन संत समाज और हिंदू युवा धीरे-धीरे जागृत हो रहा है और ऐसे असामाजिक तत्वों को अपने मंसूबों में कामयाबी नहीं मिलेगी। देश में कई वर्षों बाद राष्ट्रवादी सरकार सत्ता में आई है। जो सनातन धर्म से जुड़े मठ मंदिरों का जीर्णोद्धार कर उनके विकास में सहयोग कर रही है। समस्त संत समाज को आशा है कि देश में जल्द से जल्द कड़ा मठ मंदिर मुक्ति आंदोलन लागू होगा और संपूर्ण भारत के समस्त आश्रम अखाड़े एवं मठ मंदिर राज्य एवं केंद्र सरकार के अधिग्रहण से मुक्त होंगे।

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