हरिद्वार समाचार– श्री चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा है कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर राज्य सरकार स्थिति स्पष्ट करे। भूपतवाला स्थित आश्रम में प्रेस को जारी बयान में स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि विश्व विख्यात हिंदुओं के प्रमुख धर्म स्थल चारधाम के साथ करोड़ों श्रद्धालु भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है और प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु भक्त चार धाम यात्रा पर भारत सहित पूरे विश्व से आगमन करते हैं। राज्य सरकार देवस्थानम बोर्ड के जरिए धार्मिक क्रियाकलापों में हस्तक्षेप कर ब्राह्मण समाज एवं संतों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मठ मंदिर अखाड़े आश्रम एवं धर्म स्थलों का संचालन संत अथवा ब्राह्मण समाज ही प्राचीन काल से करता चला आ रहा है और धर्म को मानने एवं जानने वाले धर्मावलंबी ही धार्मिक स्थलों का संचालन सही रूप से कर सकते हैं। राज्य एवं केंद्र सरकारी हिंदू मठ मंदिरों को अधिग्रहण करके लगातार सनातन प्रेमियों पर कुठाराघात कर रहे हैं। जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार जल्द ही स्थिति स्पष्ट करें और संत महापुरुष एवं ब्राह्मण समाज का इम्तिहान ना ले। अन्यथा संत समाज एक उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा। स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि दान दक्षिणा से मिलने वाले धन से संत समाज मठ मंदिरों का संचालन भली-भांति करते हैं और अनेक सेवा प्रकल्प चलाकर गरीब असहाय लोगों की सहायता भी समय-समय पर करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि जब जब भी देश पर कोई आपत्ति विपत्ति आती है तब भी संत समाज अग्रणी भूमिका निभाकर मदद को आगे आते हैं। लेकिन केंद्र एवं राज्य सरकार मठ मंदिर आश्रम अखाड़ों को भी निशाना बनाकर उन्हें अधिग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में ही मठ मंदिर मुक्ति कानून लागू नहीं होता है तो यह बड़ा दुर्भाग्य का विषय है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि मठ मंदिर आश्रम अखाड़े मुक्ति हेतु एक कठोर केंद्रीय कानून बनाया जाए। जिससे भविष्य में किसी भी मठ मंदिर का अधिग्रहण ना हो सके और संत समाज की गरिमा को भी ठेस ना पहुंचे।

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