हरिद्वार समाचार– हिंदू मठ मंदिरों को अधिग्रहण से बचाने तथा अधिग्रहित मंदिरों को मुक्त कराने के लिए मुहिम चला रहे नई दिल्ली स्थित कालका जी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत महाराज ने रविवार को कनखल स्थित हरिहर आश्रम में जूना अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी महाराज से मुलाकात कर 21 नवम्बर को अखिल भारतीय संत समिति के तत्वाधान में कालकाजी मंदिर प्रांगण में होने वाले मठ मंदिर मुक्ति आंदोलन में भागीदारी करने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी महाराज ने कहा कि भारत में ऐसा नियम नहीं है जिसके तहत किसी भी मठ मंदिर का 6 महीने से अधिक अधिग्रहण किया जा सके। स्वामी अवधेशानन्द गिरी महाराज ने कहा कि सरकार जीर्णशीर्ण व उपेक्षित मठ मंदिरों के विकास पर ध्यान देने की बजाए वैष्णो देवी, केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसे मंदिर जहां चढ़ावा अधिक आता है, पर अधिक ध्यान देती है। मठ मंदिर मुक्ति आंदोलन का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि वे संत समाज के साथ हैं। हिंदू मठ मंदिरों को अधिगृहण से मुक्त करने के संबंध में सरकार से वार्ता की जाएगी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवमं महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि हिंदू मठ मंदिरों के अधिग्रहण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार जल्द से जल्द अधिग्रहित किए गए मंदिरों को मुक्त करे। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत दामोदर दास महाराज, श्रीमहंत महेश्वरदास महाराज, महंत रघुमुनि ने कहा कि मठ मंदिरों में श्रद्धालु भक्तों से मिलने वाले दान से ही संत समाज सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ स्कूल, कालेज व अस्पतालों जैसे सेवा प्रकल्पों का संचालन भी करता है। महामण्डलेश्वर स्वामी अर्जुनपुरी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज, जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि मठ मंदिरों के अधिग्रहण को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

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निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन देते हुए कहा कि सनातन धर्म व संस्कृति पर किसी प्रकार का कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केवल सनातन धर्म से जुड़े मठ मंदिरों का ही अधिग्रहण किए जाने को किसी भी तरह से उचित नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म पर जब जब भी कुठाराघात किया गया तो संत समाज ने एकजुट होकर इसके खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष किया है। देश भर के संत समाज को एकजुट कर मठ मंदिर मुक्ति आंदोलन को मजबूत किया जाएगा तथा सरकार व प्रशासन के समक्ष मजबूती से इस संबंध में आवाज उठायी जाएगी। आंदोलन के संयोजक एवं कालका जी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत महाराज ने कहा कि सरकारों द्वारा किए जा रहे मठ मंदिरों के अधिग्रहण के खिलाफ 21 नवम्बर से शुरू हो रहे आंदोलन में देश भर के हजारों संत महापुरूष शामिल होंगे। आंदोलन के संबंध में धर्मनगरी हरिद्वार के तमाम संतों से हुई वार्ता में सभी ने पूर्ण समर्थन देते हुए 21 नवम्बर को आन्दोलन में शामिल होने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को अन्य धर्मो को छोड़कर केवल हिन्दू धर्म स्थलों के अधिग्रहण की नीति को वापस लेना चाहिए तथा अधिग्रहित किए गए मठ मंदिरों को मुक्त कर संबंधित संप्रदाय को सौंप देना चाहिए। जिससे मठ मंदिरों के माध्यम से सनातन धर्म व संस्कृति की शिक्षा व प्रचार प्रसार में योगदान को जारी रखा जा सके। महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने कैलाश मठ के परमाध्यक्ष स्वामी संविदानंद, युवा भारत साधु समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी शिवानन्द, महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री, श्री चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज, महंत कमलदास, महंत दामोदरशरण दास, महंत जयेंद्र मुनि सहित कई संतों से मुलाकात की और आंदोलन में शामिल होने का निमंत्रण दिया।

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