हरिद्वार-कांग्रेस ने एकाएक उत्तराखंड की 5 सीटों पर बदलाव किया है और अब हरीश रावत रामनगर की बजाय लाल कुआं से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत को हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है। वे हरिद्वार ग्रामीण सीट पर राज्य की भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। 2017 में हरीश रावत ने ग्रामीण हरिद्वार से स्वामी यतिस्वरानंद के खिलाफ चुनाव लड़ा था और वे बुरी तरह चुनाव हार गए थे। अब भाजपा के उम्मीदवार स्वामी यतिस्वरानंद से अपनी पिता की हार का बदला लेने के लिए अनुपमा रावत चुनाव मैदान में उतर रही है।

रामनगर सीट पर अपना दावा ठोक रहे हरीश रावत के कट्टर विरोधी कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत को सल्ट से विधानसभा का टिकट दिया गया है रणजीत सिंह रावत सल्ट से दो बार विधायक रह चुके हैं रामनगर सीट पर हरीश रावत का रणजीत सिंह रावत समर्थकों द्वारा जबरदस्त विरोध होने पर हरीश रावत को लाल कुआं विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा रहा है और रामनगर सीट पर अब डॉक्टर महेंद्र पाल चुनाव लड़ेंगे डॉ महेंद्र पाल को पहले कालाढूंगी से विधानसभा का टिकट दिया गया था अब कालाढूंगी से महेश शर्मा को कांग्रेस ने चुनाव मैदान में उतारा है
इस तरह रामनगर विधानसभा सीट पर हरीश रावत और रणजीत सिंह रावत की लड़ाई ने कांग्रेस के सभी समीकरण बदल दिए और 3 सीटों पर टिकट बदले गए हैं लाल कुआं सीट पर कांग्रेस ने पहले संध्या डालाकोटी को चुनाव मैदान में उतारा था अब उनका टिकट काटकर हरीश रावत को लाल कुआं सीट पर चुनाव मैदान में उतारा गया है जबकि लाल कुआं सीट में संध्या डालाकोटी को टिकट देने के खिलाफ यहां के पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश चंद्र दुर्गापाल ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था संध्या डालाकोटी और दुर्गापाल हरीश रावत को लाल कुआं से टिकट देने का विरोध कर रहे हैं रामनगर की लड़ाई ने हरीश रावत और रणजीत सिंह रावत दोनों के विधानसभा क्षेत्रों को बदलवा दिया है वही हरीश रावत को रामनगर सीट की बजाए लाल कुआं सीट से चुनाव लड़ने के एवज में उनकी बेटी अनुपमा रावत को हरिद्वार ग्रामीण सीट से कांग्रेस की उम्मीदवारी तोहफे के रूप में दी गई है

कांग्रेस ने डोईवाला विधानसभा सीट पर भी अपना उम्मीदवार बदला है पहले इस सीट पर मोहित उनियाल को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया था अब इस सीट पर 2 दिन पहले कांग्रेस में शामिल हुए गौरव चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने हरिद्वार जिले की ज्वालापुर सुरक्षित विधानसभा सीट से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बरखा रानी टिकट काटकर रवि बहादुर को चुनाव मैदान में उतारा है बरखा रानी को टिकट देने का विरोध कांग्रेस नेता सोनकर ने किया था सोनकर पूर्व वन अधिकारी रह चुके हैं और अब वह कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी से ज्वालापुर सुरक्षित सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं
हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए भाजपा नेता रहे ओम गोपाल को कांग्रेस ने नरेंद्र नगर विधानसभा सीट से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के खिलाफ चुनाव में उतारा है सुबोध उनियाल 2016 में कांग्रेस से बगावत करके भाजपा में शामिल हुए थे और वे पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के विश्वास पात्र हैं और राज्य सरकार के शासकीय प्रवक्ता है कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के खिलाफ चौबट्टा खाल विधानसभा क्षेत्र से केसर सिंह नेगी को चुनाव मैदान में उतारा है पहले माना जा रहा था कि कांग्रेस इस सीट पर हरक सिंह रावत को चुनाव मैदान में उतारेगी अभी तक हरक सिंह रावत को कांग्रेस ने किसी भी सीट से उम्मीदवार नहीं बनाया है उनकी पुत्रवधू अनुकृति को पहले ही लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है
पहले कांग्रेस ने एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट देने का फार्मूला अपनाया था परंतु हरीश रावत को रामनगर सीट छोड़ने के लिए मनाने के लिए उनकी बेटी अनुपमा रावत को हरिद्वार ग्रामीण सीट से टिकट दिया गया है एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट देने का फार्मूला कांग्रेस में बड़े नेताओं की टिकट की सौदेबाजी के चलते खत्म हो गया है अब हरक सिंह रावत भी कांग्रेस हाईकमान पर उन्हें विधानसभा का टिकट देने का दबाव डाल रहे हैं और हरक सिंह रावत की पैरवी नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह कर रहे हैं

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