हरिद्वार, 1 जुलाई। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल और कश्मीर सिंह भूरी वाले गुट के बीच चल रहे विवाद को लेकर बरनाला पंजाब से आए निर्मल मालवा साधु मंडल के संतों ने कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल पहुंचकर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज को अपना समर्थन दिया और भूरीवाले गुट के संतो पर भगवा धारण कर समाज और प्रशासन को गुमराह करने का आरोप लगाया। मालवा साधु मंडल के मीडिया प्रभारी महंत देवेंद्र सिंह महाराज ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया से पूरी तरह हताश हो चुके असामाजिक भगवाधारी समाज में विद्वेष फैलाकर शासन प्रशासन को गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जोकि अपने आप में आश्चर्य की बात है। ऐसे तथाकथित भगवाधारियों को धर्म नगरी से बाहर करना चाहिए। जो कभी निर्मला छावनी तो कभी अखाड़े की एक्कड़ कला शाखा तो कभी अखाड़े पर ही अपना स्वामित्व जमाने का ढोंग रचते हैं और हर बार मुंह की खाकर हार का सामना करते हैं। संत समाज की एकजुटता के चलते ऐसे असामाजिक तत्व अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो पाए हैं और ना ही इनको अब संत समाज बर्दाश्त करेगा। प्रशासन को ऐसे लोगों से सचेत रहते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और जरूरत पड़ी तो निर्मल अखाड़ा और उससे जुड़े संत स्वयं ही ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ मोर्चा खोलकर अपनी जान की बाजी लगा देंगे। लेकिन ऐसे कालनेमियों को अखाड़े में नहीं घुसने देंगे। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि मर्यादा में रहकर समाज का मार्गदर्शन करना ही संतों का कार्य है। लेकिन संत के भेष में कुछ असामाजिक तत्व बार-बार अखाड़े की संप्रभुता को खंडित करने का प्रयास कर रहे हैं। शासन प्रशासन ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में चूक रहा है। जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है। पुलिस को इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कर इन्हें धर्म नगरी से बाहर करना चाहिए। यदि जल्द ही प्रशासन ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की तो निर्मल अखाड़ा कुछ कठोर फैसले लेने पर मजबूर होगा। कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि आखिर प्रशासन कब तक कोई अप्रिय घटना घटने का इंतजार करता रहेगा और ऐसे धोखेबाज लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती। यदि इस बार ऐसे भगवा धारियों ने कुछ भी अखाड़े के प्रति गलत करने की कोशिश की तो उन्हें उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाएगा और अखाड़ा कुछ भी करने से नहीं चूकेगा और इसकी जिम्मेदारी संपूर्ण रूप से पुलिस प्रशासन की होगी। महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि अखाड़े के संतों के प्रतिनिधिमण्डल ने डीआईडी/एसएसपी डा.योगेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर उन्हें पूरे प्रकरण से अवगत करा दिया है। पुलिस प्रशासन को जल्द से जल्द से असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इस दौरान महंत हरप्रीत सिंह गोलेवाल, महंत दर्शन सिंह, महंत प्यारा सिंह, महंत हरदेव सिंह, महंत हरबेअंत सिंह, बाबा सुखदेव सिंह, बाबा अवतार सिंह, संत वीरेंद्र सिंह, संत जरनैल सिंह, संत हरविंदर सिंह, बाबा गौरा सिंह, महंत बलवीर सिंह, महंत अंग्रेज सिंह, बाबा सतनाम सिंह, संत सुखमन सिंह, संत जसकरण सिंह, संत तलविंदर सिंह, ज्ञानी महंत खेम सिंह, महंत निर्भय सिंह, संत हरजोत सिंह सहित तमाम संतो ने श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के पक्ष में समर्थन व्यक्त किया।

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